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'ऑर्गेनिक फार्मिंग' (जैविक खेती) को उत्तर प्रदेश में बढ़ावा देने हेतु अपने सुझाव दें और विचार व्यक्त करें

आरंभ की तिथि: 26-07-2021
अंतिम तिथि: 30-07-2023

'ऑर्गेनिक फार्मिंग’ जैविक खेती कृषि की वह पद्धति है, जिसमें पर्यावरण ...

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'ऑर्गेनिक फार्मिंग' (जैविक खेती) को उत्तर प्रदेश में बढ़ावा देने हेतु अपने सुझाव दें और विचार व्यक्त करें

'ऑर्गेनिक फार्मिंग’ जैविक खेती कृषि की वह पद्धति है, जिसमें पर्यावरण को स्वच्छ प्राकृतिक संतुलन को कायम रखते हुए भूमि, जल एवं वायु को प्रदूषित किये बिना दीर्घकालीन व स्थिर उत्पादन प्राप्त किया जाता है। इस पद्धति में रसायनों का उपयोग कम से कम व आवश्यकतानुसार किया जाता है।

दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में, उत्तर प्रदेश को एक जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने वाला राज्य बनाने का राज्य सरकार का प्रयास है।

उत्तर प्रदेश में जैविक खेती बढ़ाने के लिए अपने सुझाव / विचार साझा करें।

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76 परिणाम मिला

Shanta Srivastava 2 years 9 महीने पहले

स्वस्थ खेती शुद्ध खाद्य पदार्थ शुद्ध हवा शुद्ध वातावरण हम सभी के स्वस्थ जीवन के लिये जरूरी है! पुन कृषि विविधीकरण परियोजना को उत्तर प्रदेश में शुरू किया जाना अतिआवश्यक है इस परियोजना को तो पूरे देश में चसना चाहिये! जैविक खेती बहुत जरूरी है! सधन्यवाद!

Shanta Srivastava 2 years 9 महीने पहले

किसान सशक्तिकरण व महिला सशक्तिकपण के लिये कृषि विविधीकरण परियोजना व स्वयंसोवी संसथाओं के कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका थी! कुछ गाँव में लोग आज भी जैविक खेती बीज उत्पादन आदि कर रहे हैं परन्तु परियोजना अचानक से बन्द हो जाने के कारण जैविक खाद निर्माण व जैविक खेती की तरफ तेजी से किसानों के बढते कदम अचानक से रूक गये क्योंकि सिर्फ बताने और साथ लगकर कार्य कराने में अन्तर है! ये परियोजना अपनी विविधता से किसानों के लिये बहुत ही अधिक लाभप्रद थी ऐसी ही परियोजनाओं की हमारे देश में आवश्यकता है!

Shanta Srivastava 2 years 9 महीने पहले

प्रोजेक्ट लोन के माध्यम से डेयरी, बकरी पालन, सुकर पालन, मुर्गी पालन, अगरबत्ती, अचार मुरब्बा, जैम जेली आदि तमाम प्रशिक्षण दिलाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाता था! न्याय पंचायत स्चर पर किसान विद्यालय था तथा प्रगति मैदान दिल्ली, कुमारवगंज, लखनऊ आदि स्थानों पर लगे किसान मेले में महिला/पुरूष किसानों को भेजा जाता था और इस परियोजना से गाँव गाँव में किसान जैविक खेती/खाद की ओर आकर्षित थे बहुत सफल थे परन्तु अचानक परियोजना बन्द हो गयी अत:पुन: इस परियोजना को शुरू कर "जैविक खेती" को बढावा दिया जाना आवश्यक है!

Shanta Srivastava 2 years 9 महीने पहले

उत्तर प्रदेश में इसी परियोजना के माध्यम से सर्वप्रथम स्वयं सहायता समूहों का गठन प्रारम्भ किया गया था और समूहनके माध्यम से किसानों को जैविक खेती के लिये प्रेरित करना, नैडप, सीपीपी, वर्मी, काऊ पैट पिट, गाय की सिंग से जैविक खाद बनाने के तरीके तथा खेती में दलहन तिलहन, सब्जी, हरा चारा, चरी आदि बोकर खेती में विविधता लाने व फल के बाग, फूलों की खेती के साथ ही मधुमक्खी पालन, मशरूम की खेती को प्रोत्साहित तिया जाता था महिलाओं को समूह से जोड़कर उन्गें साक्षर बनाने, छोटी छोटी बचत करने और बैंक से सीसीएल न

Shanta Srivastava 2 years 9 महीने पहले

परमआदरणीय मुख्यमन्त्री जी, सादर नमस्ते!! जहाँ चक हमारे प्रदेश में (जैविक खेती) की बात है तो कुछ वर्ष पहले सन् 2005 तक हमारे प्रदेश उत्तर प्रदेश में (विश्व बैंक द्वारा पोषित) उ0प्र0 कृषि विविधीकरण परियोजना चलायी जा रही थी और स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से कार्यकर्ता रखे गये थे और इस परियोजना से लगभग खेती से सम्हन्धित सभी विभाग सम्बद्ध थे जैसे- कृषि विभाग, उद्यान, पशुपालन, पंचायती राज विभाग आदि कई विभाग थे और पहली बार इस परियोजना द्वारा महिलाओं को भी महिला किसान का दर्जा मिला था तथा उत्तर

Pooja Trivedi 2 years 9 महीने पहले

Rape , harassment , eve teasing , UP ki kya condition h in areas me hmari kya situation h hm sbko pta h kya apko ni lgta hme ispr baat karni chahiye ase bhut se NGO h jo kam krte h inpr kya hm unka sehyog ni krskte? Kuch ni krpa rhe to atleast jo log kr rhe h unka sath hi de hmlog?

Monika chaurasia 2 years 9 महीने पहले

An Agriculture Research Institute should be setup in UP where extensive research is done in on vast applications of Nanotech like the World's first liquid nano urea developed by IIFCO & on Biotech like the CRISPR Technology for diagnosing soil health. Many such new technologies can be developed at low cost, suitable for farmers of UP.It will also encourage new generation of UP to adopt Agriculture as their study stream, India being an Agricultural country, needs more youth to be involved

Monika chaurasia 2 years 9 महीने पहले

Govt. Campaigns & Outreach programmes to farmers have time & again failed to reach out to all farmers across State, solution is to appoint all College/University students of Agriculture & allied sectors of U.P., as part of their college internship & for graduates as part of employment to be posted in villages, their technical & scientific expertise will be key in transferring all information, techniques, technologies and training to each farmer of the area. Entire Agriculture sector will boom.