आरंभ की तिथि: 26-07-2021
अंतिम तिथि: 30-07-2023
'ऑर्गेनिक फार्मिंग’ जैविक खेती कृषि की वह पद्धति है, जिसमें पर्यावरण ...
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'ऑर्गेनिक फार्मिंग’ जैविक खेती कृषि की वह पद्धति है, जिसमें पर्यावरण को स्वच्छ प्राकृतिक संतुलन को कायम रखते हुए भूमि, जल एवं वायु को प्रदूषित किये बिना दीर्घकालीन व स्थिर उत्पादन प्राप्त किया जाता है। इस पद्धति में रसायनों का उपयोग कम से कम व आवश्यकतानुसार किया जाता है।
दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में, उत्तर प्रदेश को एक जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने वाला राज्य बनाने का राज्य सरकार का प्रयास है।
उत्तर प्रदेश में जैविक खेती बढ़ाने के लिए अपने सुझाव / विचार साझा करें।
kuldeep mohan trivedi 3 years 10 महीने पहले
उप्र में जैविक खेती को बढ़ावा देने की सख्त जरूरत है।दिनोदिन बढ़ते रासायनिक उर्वरकों के दाम किसानों के लिये संकट उत्पन्न कर रहे है।किसानों को प्राचीन कृषि पद्धतियों को अपनाना चाहिये।जैविक उर्वरको का प्रयोग,ढैचा, सनई और दलहन की फसलों की खेती कर मिट्टी को स्वस्थ और उपजाऊ बनाना चाहिये।सरकार किसानों को दलहन,सनई, ढैचा के बीज सस्ती दरों,नैडप कंपोस्ट और केचुवा की खाद बनाने के लिये जमीनी कार्य करना चाहिये।लोगो को पशुपालन करने के लिये बढ़ावा और पशुओं की चिकित्सा के लिये उपाय करना चाहिये।
Prateek Singh 3 years 10 महीने पहले
Pramote no chemical and organic farming for vegetable as it is more healthy for society.
Prateek Singh 3 years 10 महीने पहले
Introduce loan and subsidy for organic farming and provide experts to teach and train farmers in village
Prateek Singh 3 years 10 महीने पहले
Organic farming is good for up because it is a farming of using pure natural fertilizer and manure
Pramote it more and more in up
Raghuvendra pratap Singh 3 years 10 महीने पहले
सर मेरा आपसे यही रिक्वेस्ट है जिनके पास खेती नही उनको आवास योजना यानी कालोनी दी जाय और कालोनी का पैसा योजनाओं के अकाउंट में खुद बहुचाए नही तो सिक्रेट्री और ग्रामपंचायत मिलकर आधा पैसा खत्म कर देते है और फिर कहते अभी तुम्हारा घर नही बना
7875607563 up Kanpur से हूं please reply सर
Rishu Jha 3 years 10 महीने पहले
जैविक खेती (Organic farming) कृषि की वह विधि है जो संश्लेषित उर्वरकों एवं संश्लेषित कीटनाशकों के अप्रयोग या न्यूनतम प्रयोग पर आधारित है तथा जो भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिये फसल चक्र, हरी खाद, कम्पोस्ट आदि का प्रयोग करती है।[1] सन् १९९० के बाद से विश्व में जैविक उत्पादों का बाजार काफ़ी बढ़ा है।
SANDEEPKUMARRAJ 3 years 10 महीने पहले
MERE LAYAK KOI BHI KAM HO TO
IS 6394426553 PER CALL JARUR KARE
YOUR OBEDINTLY AND PEOPLE SERVENT
SANDEEP KUMAR
SANDEEPKUMARRAJ 3 years 10 महीने पहले
MUJHE APNE VILLAGE KA NAME BADANA HAI SIR
SANDEEPKUMARRAJ 3 years 10 महीने पहले
PLEASE SIR GIVE CSC AND JANSEWA POINT
Rajkumar Agrawal 3 years 10 महीने पहले
Dear CM
There is a gap between your vision and ground level execution on this field.
I have a project "Self Sustainable Villages"
Sharing to PMO and your Office from last few years, at least give me a chance to explain.
I worked 35years with MNC's and with my business experience and knowledge I would like to serve for my nation.
Village like Micro economy and after 10years, it should be self sustainable without support.
Coverage:Education, OrganicFarming, Health, Handicraft,waterharvesting