आरंभ की तिथि: 26-07-2021
अंतिम तिथि: 31-08-2021
हमारे घरों, फैक्ट्रियों और शहरों से प्रतिदिन निकलने वाला कचरा आज ...
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हमारे घरों, फैक्ट्रियों और शहरों से प्रतिदिन निकलने वाला कचरा आज दुनिया की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है जिसके लिए ‘सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट’ अत्यंत आवश्यक है।
‘सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट’ का अर्थ है कि कैसे ठोस अपशिष्ट को बदलकर उसे उपयोगी वास्तु में परिवर्तित कर एक मूल्यवान संसाधन के रूप में दुबारा उपयोग किया जा सके।
शहरी स्थानीय निकायों एवं आबादी की बढ़ती संख्या के कारण कचरे का उत्पादन अत्यधिक है। इस कचरे को खाद और ऊर्जा के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।
इसके साथ ही अपशिष्ट प्रबंधन में आपके विचार सरकार के लिए मायने रखते हैं।
उत्तर प्रदेश को 'सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट' के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में आपका योगदान भी अतिअवाश्यक है. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट ’को मजबूत करने हेतु अपने विचार और सुझाव यहां साझा करें।
Santanu Datta 3 years 8 महीने पहले
Door to door collection of waste collection and strict regulation of waste management for factories can be a good step for solid waste management. Same time plantation programme should be increased.
RahulKumar 3 years 8 महीने पहले
अपशिष्ट संग्रह और प्रबंधन के विधि.
.डोर-टू-डोर संग्रह
.सूखे तथा गीले कचरे का अलग संग्रह करना
.कचरे को भूमिगत डम्पिंग करना
.अपशिष्ट प्रबंधन को कुशलतापूर्वक करने के लिए संबंधित अधिकारियों को कुछ कार्यक्रमों और नीतिगत विकास की शुरूआत करनी चाहिए।
Manish kumar 3 years 8 महीने पहले
Waste management in China and Japan
https://youtu.be/CrwSVeDkqtg
https://youtu.be/XB1hw_ESZIU
Sakshi Dwivedi 3 years 8 महीने पहले
Sir strict rules and regulations needed to stop or reduce the use of polythene.Awareness among people to segregate dry and wet household waste needed and vegetable waste can be used in producing fertilizers.
Vishal 3 years 8 महीने पहले
देखिए हमारा कहना यह है कि जैसे कि आप लोग कह रहे तरल पदार्थ चलिए ठीक है तरल पदार्थ क्या है बस यही समय तेल हो गया सारी चीजें होती हैं पेट्रोल वगैरह गाड़ी में डाली जाती है तब तो क्या करें इसमें शर्माने की क्या बात है ऐसी कोई बात नहीं है
KAMAL KISHORE SRIVASTAVA 3 years 8 महीने पहले
The harrowing increase in e-waste is a cause of concern. Domestic consumers often face a very tough time in disposing of their outdated/malfunction electronic gazets like waned computers/laptops, TV sets et cetera. There is no proper way for their disposal resulting in giving them on dirt-cheap prices to local 'Kabadi Wala', who disposes of them unprofessionally in open. There should be vending sites in cities where common people could approach for retail disposal of their e-waste.
Praveen Agarwal 3 years 8 महीने पहले
माननीय मुख्यमंत्री जी
हर कारखाने में रिसाइकिल विभाग बनाने और रिसाइकिल यूनिट लगाना जरूरी करने का विचार करना चाहिए। कारखाने वाले तरल वेस्ट को नदियों और ठोस वेस्ट को ऐसे ही बहा या फेंक नहीं सकते है। उन्हें अपने वेस्ट का वेस्ट रिसाइकिल यूनिट द्वारा रिसाइकिल करना चाहिए।
Praveen Agarwal 3 years 8 महीने पहले
माननीय मुख्यमंत्री जी
हम आपका ध्यान तरल वेस्ट की तरफ करना चहाते है.... तरल वेस्ट को जीवनदायनी नदियों में डाल कर दूषित कर रहें है। अरबो रूपए खर्च करने के बाद भी कोई ठोस नतीजा नहीं है। आपसे निवेदन यह है कि सभी तरल वेस्ट का वैज्ञानिक रिर्सच करवा कर रिसाइकिल करने पर विचार करना चाहिए। सभी तरल वेस्ट को सीधे नदियों में न डाल कर उसे पाइपों द्वारा एक जगह एकत्र करके रिसाइकिल किया जाए उसके बाद इसका रिसाइकिल का दुबारा फैक्टियों में प्रयोग किया जाना चाहिए।
KALYAN SINGH RAWAT 3 years 8 महीने पहले
shri maan ji aaj kal jisa dekho vo waste management ki baat karta hai par bade bade aad par govt or nigam bhi apna paisa loota rahi hai vo bhi kewal badi badi society m choti choti colony m to bus logo k pass koi system nahi hai ghar k khuda ko log nalio or khula ashma k neecha idhar udhar nalio m dalte rahte hai ish k liya vaya k nigam employee ko ek adhikar daina chaiye ki vo logo batai ki kaha par kuda ka daali agar nahi dale to unpar action ho
Rahul kumar chaurasiya 3 years 8 महीने पहले
सम्मानित जिलाधिकारी लखनऊ
हजार छात्रों ने फार्मेसी में डिप्लोमा और डिग्री पास कर अपनी अस्पताल इंटर्नशिप पूरी की है । उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल पंजीकरण प्रक्रिया मैनुअल और भ्रष्टाचार से भरी हुई है, कई राज्य फार्मेसी काउंसिल के पास ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल है लेकिन उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल पंजीकरण के लिए कलम और कागज पर पूरी तरह निर्भर है ।
छात्र इस तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैंउत्तर प्रदेश फार्मेसी कौंसिल लेखराज मेट्रो स्टेशन लखनऊ जहां डीफार्मा और बीफार्मा किये छात्रों का रजिस्