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लखनऊ/वाराणसी स्मार्ट सिटी पर चर्चा

आरंभ की तिथि: 26-07-2021
अंतिम तिथि: 31-08-2021

शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्मार्ट शहरों की सूची में ...

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शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्मार्ट शहरों की सूची में लखनऊ और वाराणसी को चयनित किया गया है।

उत्तर प्रदेश सरकार आप सभी को इस चर्चा में आमंत्रित करती है. आप शहर के विकास और उन्नति के समक्ष आने वाले मुद्दों और अड़चनों के विषय में अपनी राय साझा कर सकते हैं और निम्नलिखित क्षेत्र-आधारित रणनीतियों के संबंध में अभिनव, और स्मार्ट समाधानों के साथ सुझाव दें सकते है:

- रेट्रोफिटिंग (किसी मौजूदा निर्मित क्षेत्र में बुनियादी ढांचे की योजना और सुधार)
- पुनर्विकास (मौजूदा अंतर्निहित क्षेत्र का प्रतिस्थापन और उन्नत बुनियादी ढांचे के साथ नए लेआउट का सह-निर्माण)
- ग्रीनफील्ड डेवलपमेंट (नए क्षेत्रों में योजना और विकास)

लखनऊ और वाराणसी नगर निगम इस प्रयास में मूल्यवान सुझावों और नागरिकों के निरंतर समर्थन की प्रतीक्षा कर रहा है।

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72 परिणाम मिला

neha agarwal 3 years 3 महीने पहले

हिमालय को टाइल्स ओर झालरों से नही सजाया जा सकता उसी तरह काशी की गलियों को तोड़ कर उसे नही सवारा जा सकता । आठ श्रीमान से निवेदन है कि मुलभुल समस्यायों का समाधान खोजे काशी के बाहरी क्षेत्रो का विकास करे पर पुरानी काशी को दक्षिण भारत बनाने की कोशिश न करे । वह की गलियों से नही नालियों को साफ करने से काशी का विकास होगा । बाकी काशी वालो का जीने का अंदाज़ भी काशी की शान ही है । धन्यवाद

neha agarwal 3 years 3 महीने पहले

वाराणसी को दुनिया के प्राचीन शहरों में से एक माना जाता है स्मार्ट सिटी तो दुनिया के हर देश मे है फिर काशी में ही मोक्ष क्यों मिलता है, काशी तपभूमि मानी जाती है काशी के जिन पुराने पत्थरों को तोड़ कर टाइल्स बिछाया जा रहा है न जाने कितने योगियों ने तप किया होगा उन पर। हिमालय पर टाइल्स ओर बत्तियों के झाझाल

Vinay Kumar Dubey 3 years 3 महीने पहले

सरकार का काम बहोत ही सराहनीय है i शहर के मुख्य क्षेत्रों को छोड़कर अन्य दूरदराज क्षेत्रों में भी सड़को के किनारे सुशोभिकारण और साफ़सफ़ाई की आवश्यकता है, क्यूँकि कुछ विख्यात जगहों पर सब उचित है पर ज़िलों को जोड़नेवाले सीमा क्षेत्रों पर यदि यही व्यवस्था और सुशोभिकरण किया गया तो शहर की सुंदरता उत्तम हो जाएगी i

Akshay Kumar 3 years 3 महीने पहले

Electronic waste (e-waste) typically includes discarded computer monitors, motherboards, mobile phones and chargers, compact discs, headphones, television sets, air conditioners and refrigerators.Recycling e-waste enables us to recover various valuable metals and other materials from electronics, saving natural resources (energy), reducing pollution, conserving landfill space, and creating jobs.

Mukesh Kumar 3 years 3 महीने पहले

नयी colony बनाने से पहले नगर nigam की पूर्णतः निगरानी रखी जाये। Drainage system पहले से बना ली जाये तब colony aproved हो। इस तरह colony साफ रहेगी। और प्रत्येक colony cctv की निगरानी में रहे जिससे अतिक्रमण न हो पायेगा।

Mukesh Kumar 3 years 3 महीने पहले

प्रत्येक रोड के किनारे पेड़ लगने चाहिए जिससे cities की गर्मी कम हो। Drainage system सही हो। बिना इजाजत के कोई buliding न बने जिससे road और नाली सही रहेगी।

Rama Nand Pathak 3 years 3 महीने पहले

रही विकास की बात 5 शहर मेट्रो वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस वे गंगा एक्सप्रेस वे काशी विश्व नाथ कोरिडोर विंध्याचल विकास देखा हजारो परियोजनाओं का अम्बर लगा दिया