सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग
आज देश में सूचना प्रौद्योगिकी अहम भूमिका निभा रही है। भारत अब आधुनिक दुनिया की सबसे बड़ी आईटी राजधानी में से एक है और दुनिया के आईटी क्षेत्र के सभी प्रमुख खिलाड़ी आज देश में मौजूद हैं। उत्तर प्रदेश, देश में सबसे अधिक आबादी वाला राज्य और दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, देश में सॉफ्टवेयर निर्यात के छठे स्थान के साथ उत्तर भारत का आईटी हब है। आईटी/आईटीईएस क्षेत्र में सबसे बड़ा योगदान देने वाला राज्य लगातार अवसंरचना, मानव पूंजी विकास और प्रभावी नीति कार्यान्वयन के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है ताकि आईटी-बीपीएम उद्योग के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया जा सके।
यह सब सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग (IT&E) के प्रशासनिक नियंत्रण में किया जा रहा है, जिसकी स्थापना वर्ष 1994 में हुई थी। आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग राज्य के अन्य विभागों और उनके उपभोक्ताओं के फायदे के लिए आईटी के उपयोग और तैनाती की मार्गदर्शक भी है। आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा अन्य सरकारी विभागों को तकनीकी सहायता इसके दायरे में आने वाले निगमों/सोसायटी के माध्यम से प्रदान किया जाता है।
विभाग ने पूरे राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी के लक्ष्य के साथ अपनी आईटी नीति 2012 जारी की, जिसमें नोएडा/ ग्रेटर नोएडा के आईटी हब के अनुभव का लाभ उठाते हुए राज्य के टियर-II और टियर-3 शहरों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। आईटी नीति 2012 की सफलता को जारी रखते हुए और बदलते व्यापार परिदृश्य के आलोक में आईटी नीति 2012 की पहलों को आगे बढ़ाने के लिए, उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी और स्टार्ट अप नीति 2016 आईटी/आईटीएस उद्योग के सभी चरणों को सुविधाजनक बनाने के लिए जारी की गई है, जिसमें स्टार्ट अप/उद्यमियों, एमएसएमई (माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज) और बड़े आईटी/आईटीएस उद्योग को अनुकूल नीति ढांचे के साथ सर्वोत्तम प्रोत्साहन प्रदान किया गया है। इस नीति का उद्देश्य आईटी/आईटीईएस उद्योग के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में उत्तर प्रदेश की स्थिति को मजबूत करना, ई-गवर्नेंस और एम-गवर्नेंस मॉडल के माध्यम से नागरिक सेवाओं को आगे बढ़ाना और राज्य में स्टार्ट अप व नवोदित उद्यमियों के प्रोत्साहन पर विशेष ध्यान देना है ।